सोशल मीडिया पोस्ट पर एडीजी दीपांशु काबरा ने दी जानकारी….गाय बेचकर स्मार्ट फोन खरीदने वाले हिमाचल के कांगड़ा के कुलदीप कुमार को एडीजी आरके विज ने दी 10 हजार रुपए की मदद, 

सोशल मीडिया पोस्ट पर एडीजी दीपांशु काबरा ने दी जानकारी….गाय बेचकर स्मार्ट फोन खरीदने वाले हिमाचल के कांगड़ा के कुलदीप कुमार को एडीजी आरके विज ने दी 10 हजार रुपए की मदद, 

रायपुर। कोरोना महामारी के चलते संक्रमण के खतरे को देखते हुए देशभर में स्कूल बंद हैं। ज्यादातर स्कूलों द्वारा छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस  के जरिए पढ़ाया जा रहा है। इसी बीच गाय बेचकर स्मार्ट फोन खरीदने वाले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी में रहने वाले कुलदीप कुमार के परिवार को प्रदेश के सीनियर आईपीएस अफसर एडीजी आरके विज ने 10 हजार रुपए की मदद की है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी में रहने वाले कुलदीप कुमार ने परिवार की कमाई का एकमात्र जरिया अपनी गाय को सिर्फ इसलिए बेच दिया क्योंकि उसके दो बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो चुकी थी और उसके पास स्मार्टफोन न होने की वजह से बच्चे क्लास का हिस्सा नहीं पा रहे थे। ऐसे में शख्स ने गाय बेचकर बच्चों के लिए स्मार्टफोन खरीद लिया। जिसकी खबर आने पर एडीजी आरके विज ने 10 हजार रुपए की मदद की है।

बता दें इस परिवार की माली हालत ऐसी नहीं थी कि बच्चों के स्मार्ट फोन खरीद सकें। जिसके बाद श्री विज ने संबंधित व्यक्ति का नाम पता जुटाने के बाद 10 हजार की राशि उनके बैंक खाते में जमा करा दी।

बता दें कि हिमाचल के कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी में रहने वाले कुलदीप कुमार ने कहा कि मार्च में बच्चों के स्कूल बंद हो गए थे, उसके बच्चे कक्षा 2 और कक्षा 4 में पढ़ते हैं और उन्हें स्मार्टफोन न होने की वजह से पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। यह इस वजह से क्योंकि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। इस वजह से वह स्मार्टफोन खरीदने के दबाव में था जिससे उसके बच्चे ऑनलाइन क्लासेस को अटेंड कर सकें। कुलदीप से टीचर्स ने कहा था कि अगर वह अपने बच्चों की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो उन्हें स्मार्टफोन की जरुरत पड़ेगी। इसके बाद कुलदीप 6 हजार का लोन लेने बैंक पहुंचा लेकिन उसकी खराब आर्थिक स्थिति की वजह से किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। इसके बाद आखिरकार मजबूरी में उसे अपनी गाय को 6 हजार रुपए के लिए बेचना पड़ा जो कि उसकी आय का एकमात्र साधन था। गाय बेचकर मिले 6 हजार रुपए से उसने अपने बच्चों के लिए स्मार्टफोन खरीदा।

बता दें कि कुलदीप अपने दोनों बच्चों और पत्नी के साथ ज्वालामुखी में मिट्टी की बनी झोपड़ी में रहता है। उसकी पत्नी मजदूरी का काम करती हैं। उसका कहना है कि उसके पास BPL कार्ड भी नहीं है। कुलदीप का कहना है कि वह आर्थिक तंगी को लेकर कई बार पंचायत के पास भी गया था लेकिन उसकी कोई मदद नहीं हुई।

The News India 24

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