भूपेश बघेल की सरकार वादे पूरे करने वाली सरकार
रायपुर/24 जुलाई 2020। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षाकर्मियों के संविलियन का आदेश जारी किए जाने का स्वागत करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार वादे पूरे करने वाली सरकार है। करोना संक्रमण के कारण तमाम वित्तीय परेशानियों के बावजूद शिक्षाकर्मियों का संविलियन का आदेश जारी करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। 2003 में भाजपा की सरकार शिक्षाकर्मियों के संविलियन का वादा करके बनी थी लेकिन भाजपा ने 2003 से लेकर 2018 तक शिक्षाकर्मियों के संविलियन के लिए एक रुपए की राशि का भी प्रावधान नहीं किया। शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा तो की गई लेकिन बिना किसी वित्तीय प्रावधान के। 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद शिक्षाकर्मियों के संविलियन के लिए राशि की व्यवस्था भी की गई और शिक्षाकर्मियों का संविलियन भी किया जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात विपरीत आर्थिक परिस्थितियों में भी कांग्रेस सरकार का अपने वादे पूरे करने के प्रति प्रतिबद्धता है।
कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के लोग अभी भी रमन सिंह सरकार की वादाखिलाफी और मतदाताओं से धोखाधड़ी को भूले नहीं है।रमन सिंह सरकार के 15 साल धोखाधड़ी से भरे रहे और 5 हॉर्स पावर पंपों की मुफ्त बिजली, 5 साल तक ₹300 बोनस, धान का 2100 रुपए समर्थन मूल्य, हर आदिवासी परिवार से एक युवा को नौकरी, बेरोजगारी भत्त, हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय जैसे वादों को नहीं निभा कर भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ के मतदाताओं के साथ 15 साल तक धोखाधड़ी की जिसके परिणाम स्वरूप ही छत्तीसगढ़ के मतदाताओं ने भाजपा को 15 सीटों पर सीमित कर दिया।
शिक्षाकर्मियों के संविलियन का स्वागत करते हुए कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कांग्रेस के नेता लगातार शिक्षाकर्मियों की लड़ाई का समर्थन करते रहे और आज अंततः कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल की सरकार ने शिक्षाकर्मियों से किया गया वादा पूरा कर दिखाया।
कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिस तरह से भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों की कर्ज माफी, किसानों को ₹2500 समर्थन मूल्य और शिक्षाकर्मियों के संविलियन, तेंदुपत्ता का दाम 2500 ₹ से बढ़कर 4000₹ करना, बस्तर के किसानों की जमीन वापसी जैसे महत्वपूर्ण वादों को तमाम वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद पूरा किया है।उससे इस बात का पूरा भरोसा राज्य की जनता को है कि नौकरियों में भर्ती की जो प्रक्रिया शुरू की गई थी और करोना संकट के कारण आई कठिनाइयों के बावजूद उस प्रक्रिया को भी पूरा करने की दिशा में भूपेश बघेल सरकार प्रभावी कदम उठाएगी।