कोरोना संक्रमण को लेकर अमेरिका से राहत की खबर
इंटरनेशनल डेस्क। पूरे विश्व में कोरोना वायरस तेजी से बढ़ता है। मद्देनजर रखते हुए दुनिया के कई देश कोरना वायरस का उपचार खोजने औऱ इसकी वैक्सीन तैयार करने में लगे हुए हैं। इस बीच अमेरिका से राहत की खबर आई है। यहां की मोडेर्ना कंपनी का कहना है कि उसकी कोरना वैक्सीन ट्रायल के अपने पहले चरण में सफल रही है और जांच में सामने आया है कि इस दवा से मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ रही है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं के मुताबिक पहले चरण में 45 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर यह ट्रायल किया जा रहा है। ट्रायल के तौर पर जिन लोगों को वैक्सीन की दो खुराक दी गई, उनमें वायरस को मारने वाले एंटीबॉडी उच्च मात्रा में पाए गए हैं। इस टीके का परीक्षण अब अंतिम चरण में है। अमेरिकी सरकार में संक्रामक रोगों के शीर्ष विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फॉसी ने कहा कि ‘‘निश्चित ही यह एक अच्छी खबर है।’’
न्यू इंग्लैंड जर्नल में छपे शोध के मुताबिक कोविड-19 से ठीक होने वाले इन मरीजों से औसतन ज्यादा एंटीबॉडी बनी है। ट्रायल की सबसे खास बात यह है कि किसी भी स्वंयसेवक में किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है हालांकि इनमें थकावट, सरदर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द और इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द जैसे लक्षण देखे गए। ऐसा ज्यादातर उन लोगों में देखा गया, जिन्होंने दो या दो से ज्यादा खुराक ली। इस टीके को नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ ऐंड मॉडर्ना इंक में डा. फॉसी के सहकर्मियों ने विकसित किया है। इस प्रायोगिक टीके के परीक्षण की दिशा में 27 जुलाई के आसपास एक अहम कदम उठाया जाएगा जब 30,000 लोगों पर यह पता लगाने के लिए कि शोध होगा कि यह टीका कोरोना वाायरस से बचाव में कितना प्रभावशाली है। जानकारों का कहना है कि वैक्सीन की जरूरत इसलिए है ताकि इस महामारी को खत्म किया जा सके, कोरोना वायरस की वजह से करोड़ो लोग संक्रमित हैं और साढ़े पांच लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
मोडेर्ना पहली ऐसी कंपनी है, जिसने कोरोना वैक्सीन का मानव परीक्षण 16 मार्च को शुरू किया था। वायरस के जेनेटिक सीक्वेंस जारी होने के 66 दिन बाद ही मोडेर्ना ने कोरोना की वैक्सीन बना ली थी और उसका परीक्षण शुरू कर दिया था। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज के निदेशक डॉ एंटॉनी फोसी ने इसे अच्छी खबर बताया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है, इससे ऊंचे स्तर की एंटीबॉडी बनेगी। डॉ एंटॉनी ने कहा कि अगर आपकी वैक्सीन ठीक हुए मरीजों की तुलना में अधिक प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है तो यह जीत की बात है। इस घोषणा के बाद मोडेर्ना के शेयर में 15 फीसदी का उछाल देखा गया। अमेरिकी सरकार मोडेर्ना वैक्सीन को समर्थन दे रही है। इसके लिए सरकार ने करीब 50 अरब डॉलर दिए हैं।