हैंड सेनिटाइजर का अधिक से अधिक इस्तेमाल न करे…. जहाँ पर हाथ धोने के लिए साबुन के इस्तेमाल नही हो सकता वही पर इस्तेमाल करें
नई दिल्ली / कोरोनावायरस के इस दौर में फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर हमारी नॉर्मल जिंदगी के हिस्से बन गए हैं। डॉक्टर्स लोगों को सलाह देते हैं कि जितना हो सके आप साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं। अगर आपके पास हाथ धोने की कोई सुविधा नहीं हो, उसी हालात में आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। सैनिटाइजर का उपयोग पिछले छह महीनों से हमारी जिंदगी में बढ़ गया है, इसलिए हमें इस बात से सावधान रहने की आवश्यकता है कि हम क्या उपयोग कर रहे हैं, ताकि यह हमारे लिए हानिकारक न हो। हम आपको बताते हैं कि कैसे हैंड सैनिटाइजर आपके स्वास्थ्य को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है।
सैनिटाइजर में कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल का होना जरूरी है, लेकिन कुछ सैनिटाइज़र ऐसे हैं, जिनमें अल्कोहल नहीं, बल्कि ट्रिक्लोसन होता है। ट्रिक्लोसन एक शक्तिशाली जीवाणुरोधी पदार्थ है, जिसका उपयोग कीटनाशकों में किया जाता है। इसे आपकी स्किन आसानी से ऑब्जर्व कर लेती है। ये आपके थायरॉयड फंगशन, लीवर और मसल्स को प्रभावित कर सकता है।
खाने से पहले हाथों पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल नहीं करें
हममें से कई लोग ऐसे भी हैं, जो कुछ भी खाने से पहले सेनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं। आपको पता हैं हैंड सैनिटाइज़र में बहुत सारे रसायन होते हैं जिनका सेवन करने से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। खासकर छोटे बच्चों के इम्यून पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
खुशबू वाला हैंड सैनिटाइजर न खरीदें
जिन सैनिटाइजर में सेंट का इस्तेमाल किया जाता है, वो उतने ही अधिक विषाक्त पदार्थों और रसायनों से भरे होते हैं। सिंथेटिक सुगंध में हानिकारक तत्व होते हैं, जो अंतःस्रावी अवरोधक होते हैं और आनुवंशिक विकास को बदल सकते हैं।
आग लगा सकता है सैनिटाइजर
हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से कई जलने की घटनाएं सामने आई हैं। हैंड सैनिटाइज़र में मौजूद अल्कोहल इसे अधिक ज्वलनशील बनाता है। यदि आप अपने हाथों पर सैनिटाइज़र लगाते हैं और आग के पास जाते हैं, तो यह जलने का कारण हो सकता है।
अपने मास्क को हैंड सैनिटाइजर से साफ न करें
हममें से कई लोग यही सोचते हैं कि मास्क को सैनिटाइजर से साफ करने से कीटाणुरहित हो जाएगा तो वो गलत सोचते है। ऐसा करने से मास्क में सैनिटाइज़र का वाष्प फंस सकता है और जब आप मास्क पहनते हैं तो ये मितली और उल्टी का कारण बन सकते हैं।