नई दिल्ली 30 जून 2019। कांग्रेस के अगले अध्यक्ष चुने जाने को लेकर चल रही पार्टी की अंदरूनी चर्चा अब निर्णायक चरण में पहुंच गई हैं। अंदरखाने देश की सबसे पुरानी पार्टी को संभालने के लिए राहुल गांधी के उत्तराधिकारी के नाम पर मुहर लग गई है। संडे गार्जियन की एक खबर के अनुसार गांधी परिवार ने ही इस पद के लिए मौजूद विकल्पों में सबसे उपयुक्त नेता को चुन लिया है। हालांकि इसकी घोषणा होने में थोड़ा वक्त लग सकता है, क्योंकि अभी पार्टी में ‘इस्तीफे का नाटक’ चल रहा है। अब तक कांग्रेस के दफ्तर में 2019 लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार की जिम्मेदारी लेने वाले करीब 140 नेताओं के इस्तीफे आ चुके हैं। यह सिलसिला अभी थंमेगा नहीं, क्योंकि राहुल गांधी ने इसी लाइन पर अपना इस्तीफा सौंपा है। कांग्रेस आलाकमान सभी नामों पर विचार करने के बाद गांधी परिवार की सलाह लेकर पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को पार्टी के अगले अध्यक्ष के तौर पर चुनने का मन बना चुका है। सुशील कुमार शिंदे के नाम पर सहमति बनने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, जनार्दन द्विवेदी से लेकर एके एंटनी और मुकुल वासनिक तक नामों पर चर्चा की गई। जानकारी के मुताबिक, सुशील कुमार शिंदे को जल्द ही इसके बारे में अंतिम जानकारी दी जा सकती है। जानकारी के अनुसार उनके नाम पर गांधी परिवार की ओर से आम सहमति मिल गई है। यहां तक कि गांधी परिवार के सहालकार, वरिष्ठ, पार्टी के प्रमुख नेताओं ने भी उन्हें यह दायित्व सौंपने की वकालत की है। शिंदे को कभी अति महत्वकांक्षी होते नहीं देखा गया। उनको लेकर यह आम धारणा है कि उन्होंने पार्टी के निदेर्शों के ऊपर जाकर कभी अपनी महत्कांक्षाओं को हावी नहीं होने दिए। वह इससे पहले उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके हैं, तब उन्हें भैरो सिंह शेखावत से चुनौती मिली थी। यही नहीं जब महाराष्ट्र में उनके और विलासराव देशमुख के बीच मुख्यमंत्री बनने की होड़ शुरू हुई तो पार्टी ने उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बना दिया, लेकिन उन्होंने एक शब्द बोले बगैर यह पद ले लिया। इसके बाद उन्हें कांग्रेस की सरकार में केंद्र प्रमुख पदों पर बुलाया गया। सुशील कुमार शिंदे महाराष्ट्र के लिए जाने-माने दलित नेता हैं। आने वाले दिनों में सबसे बड़ा चुनाव महाराष्ट्र में ही होने वाला है। साथ ही वे इस बार लोकसभा चुनाव हार गए थे। ऐसे में उनकी पूरी तैयारी विधानसभा चुनावों में उतरने की भी होगी। इतना ही नहीं एनसीपी को कांग्रेस के साथ लाने में उन्हीं प्रमुख भूमिका है। सुशील कुमार शिंदे ही वह शख्स हैं जो आने वाले विधानसभा चुनाव में एनसीपी और कांग्रेस के बीच पुल का काम करेंगे।