सरदार पटेल के आदर्शों को समझना और उनकी अच्छी मूर्ति बनाना दोनों ही मोदी सरकार के बस में नहीं
सरदार पटेल के आदर्शों को समझना और उनकी अच्छी मूर्ति बनाना दोनों ही मोदी सरकार के बस में नहीं
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में पानी भरा
3000 करोड़ की लागत से बनी मूर्ति की व्यूइंग गैलरी हुई पानी पानी
सिर्फ 11 mm बारिश से 153 मीटर की ऊंचाई पर बनी व्यूइंग गैलरी में पानी भर गया
रायपुर/ 30 जुलाई 2019। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि गुजरात में 3000 करोड़ की लागत से बनी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से सरदार वल्लभभाई पटेल की विशाल 182 मीटर ऊंची प्रतिमा में सिर्फ 11एमएम की बारिश होने पर भर गया पानी मोदी सरकार के भ्रष्टाचार और निकम्मे पन की पोल खोल दे रहा है। दुनिया को दिखाने के लिए इस मूर्ति को बनाया गया लेकिन इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी दिखाने लायक कुछ बना पाने में मोदी सरकार विफल रही।स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में पानी भरने से मोदी सरकार द्वारा कथित उच्च गुणवत्ता के नाम से चाइनामॉडल मूर्ति 3000 करोड़ की लागत से बनवाये जाने की कलई खुल गयी है। सिर्फ 11 mm बारिश से 153 मीटर की ऊंचाई पर बनी व्यूइंग गैलरी में पानी भरने से 3000 करोड़ की लागत से बनी मूर्ति की व्यूइंग गैलरी के पानी पानी हो जाने से मोदी सरकार की पोलपट्टी खुल गयी है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि Make in India का दम भरने वाली कथित 56″ का सीना रखने वाली मोदी सरकार की पोल पट्टी 3000 करोड़ से बनवाई गई इस मूर्ति में पानी भरने से खुल गयी है। जिंदगी भर स्वदेशी और सादगी के हिमायती रहे सरदार पटेल की मूर्ति विदेशों में इतनी बड़ी लागत पर बनवाया जाना बेहद दुख और चिंता का विषय है। गृह मंत्री के रूप में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने वाले सरदार पटेल के व्यक्तित्व और आदर्शों के खिलाफ काम करने वाली मोदी सरकार द्वारा बनवाई गई मूर्ति में ऐसा होना स्वाभाविक है। मोदी सरकार ना तो सरदार पटेल के आदर्शों को समझ सकती है और मोदी सरकार के बस में उनकी अच्छी मूर्ति बनाना भी नहीं है। तब तो सरदार पटेल की मूर्ति के वक्ष में बनी गैलरी में सिर्फ 11 mm बारिश से पानी भर गया।