दिल्ली/रायपुर 28 जून 2019। ताजा खबर दिल्ली के राजनैतिक गलियारे से आ रही है। मामला छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी से जुड़ा है। ये मामला वैसे तो कांग्रेस पार्टी का अंदुरुनी प्रकरण है, लेकिन पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफा देने के बावजूद उनके अधिकारों के उपभोग से जुड़ा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और जनरल सेक्रेटी वेणुगोपाल ने एक पत्र जारी कर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति की है। इस नियुक्ति पत्र में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का हवाला देते हुए कहा गया है कि उनके द्वारा मोहन मरकाम को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कांग्रेस के राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा आम बात है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफा दे चुके है। यही नहीं उन्होंने नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर कवायद भी शुरू कर दी है, और तो और लोकसभा चुनाव में मिली पराजय की जिम्मेदारी को लेकर उनके इस्तीफा देने के बावजूद पार्टी के कई महत्वपूर्ण पदाधिकरियों के नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेने पर, उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की है। ऐसे राजनैतिक घटनाक्रम के बावजूद छत्तीसगढ़ में नए पार्टी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर राहुल गांधी का सक्रिय होना बता रहा है कि वो पिछले दरवाजे से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जवाबदारी भी निभाना चाहते है। कांग्रेस संविधान के मुताबिक किसी भी राज्य में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की नियुक्ति, राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा ही होती है।
दिल्ली में सक्रिय कांग्रेसी खेमे में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है। इस नियुक्ति को लेकर कई और नेताओं ने अपने प्रदेशों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर पार्टी फोरम में फौरन मोर्चा खोल दिया है। इन नेताओं के मुताबिक उन से कहा गया था कि कांग्रेस कमेटी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद ही अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की नियुक्ति होगी। ऐसे में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति सवालों के घेरे में है। अपना नाम ना छापने की शर्त में कई महत्वपूर्ण नेताओं और उनके दबाव समूह ने पार्टी आलाकमान से गुहार लगाई है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर उनके राज्यों में भी नए पार्टी अध्यक्षो की नियुक्ति की जाए। बताया जाता है कि मध्यप्रदेश के कई महत्वपूर्ण नेताओं खासतौर पर “सिंधिया गुट” ने मुख्यमंत्री “कमलनाथ” के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग की है।
दूसरी ओर राहुल गांधी अपने पद से इस्तीफा दे चुके, महीना भर बीत जाने के बावजूद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया है, बल्कि वो कांग्रेस के “नए अध्यक्ष” की तलाश में जोर-शोर से जुटे हुए है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होना, ताज्जुब की बात है कि छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कैसे हो गई? हालांकि इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस का एक खेमा दावा कर रहा है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने राहुल गांधी का इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया है। अपितु उन्हें अपने पद पर बने रहने की गुजारिश की गई है | पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता दबी जुबान से कह रहे है कि के.सी. वेणुगोपाल से उन्हें बड़ी आशाएं है।हालांकि कुछ कांग्रेसी नेताओं का दावा है कि राहुल गांधी पहले की तरह ही कामकाज कर रहे है। बतौर पार्टी अध्यक्ष वे ही सभी महत्वपूर्ण फैसले ले रहे है। उनके मुताबिक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना उनकी रणनीति का एक हिस्सा है। बहरहाल मामला जो भी हो लेकिन, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को लेकर स्थिति साफ़ होती जा रही है।
इधर पार्टी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति से छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। विधायक मोहन मरकाम की नियुक्ति से आदिवासी खेमे में ख़ुशी का माहौल है। उधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार में 13वे मंत्री के रूप में सरगुजा के चर्चित आदिवासी नेता अमरजीत भगत की ताजपोशी की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। माना जा रहा है कि राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में अमरजीत भगत जल्द ही “मंत्री पद” की शपथ लेंगे |