गाँधी परिवार के साथ नाइंसाफी
दिल्ली वेब डेस्क / दिल्ली में प्रियंका गाँधी को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस जारी होने के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने है। कांग्रेस ने इसे गाँधी परिवार के साथ नाइंसाफी बताया है। उधर बीजेपी ने कहा है कि नियमों के तहत बंगला खाली कराने के निर्देश मिले है, तो कांग्रेस हाय तौबा क्यों मचा रही है ? प्रियंका गाँधी को लोधी स्टेट में 35 नंबर का बंगला कई सालों से आवंटित है। बताया जा रहा है कि एसपीजी सुरक्षा हटने के बाद वो टाइप -6 बंगले की पात्रता खो चुकी है। इधर बीजेपी की यह भी दलील है कि प्रियंका गाँधी वाड्रा ना तो सांसद है और ना ही किसी संवैधानिक पद पर है। फिर क्यों UPA सरकार ने इन्हे सरकारी बंगला आवंटित कर रखा था। उधर कांग्रेस ने कहा है कि यह मामला राजनैतिक रूप से प्रियंका गाँधी को निशाना बनाने जैसा है।
केंद्र सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को एक अगस्त तक नई दिल्ली स्थित सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस थमाया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को इस सरकारी बंगले को छोड़ने का नोटिस मिलने के बाद राजनीति गरमा गई है। बताया जाता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शहरी विकास मंत्रालय को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा था कि प्रियंका गांधी वाड्रा को सीआरपीएफ कवर के साथ जेड प्लस सिक्योरिटी मिली है। इसमें सरकारी आवास के आवंटन के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इस पत्र के बाद शहरी विकास मंत्रालय ने यह बंगला खाली करवाने की कवायत शुरू की।
डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट ने प्रियंका गाँधी का आवंटन रद्द कर एक महीने के अंदर इस बंगले को खाली करने का निर्देश जारी किया। इस नोटिस यह भी में कहा गया है कि जेड प्लस सुरक्षा कवर वाले व्यक्ति सरकारी आवास की पात्रता नहीं हैं। प्रियंका गांधी को जारी नोटिस में 30 जून 2020 तक 3,46,677 रुपये बकाया होने की जानकारी भी दी गई। प्रियंका गांधी इस बंगले के लिए 37 हजार रुपये प्रति महीने का किराया दे रही थीं।
बताया जाता है कि 21 फरवरी, 1997 को प्रियंका गांधी वाड्रा को लोधी रोड स्थित सरकारी बंगला अलॉट किया गया था। इसका पता 6-बी हाउस नंबर- 35 लोधी एस्टेट है। इस बंगले में प्रियंका अपने परिवार के साथ रहती हैं | जानकारी के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को हुई हत्या के बाद गांधी परिवार को SPG सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी।
SPG सुरक्षा के तहत उन्हें ये बंगला अलॉट किया गया था। लेकिन बीते साल नवंबर में केंद्र सरकार ने प्रियंका समेत राहुल और सोनिया की SPG सुरक्षा हटा ली थी। अब तीनों की सुरक्षा Z+ कैटेगरी कर दी गई है। यह CRPF के अधीन है | लेकिन Z प्लस सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को सरकारी बंगले के आवंटन का हक़दार नहीं माना गया है। हालांकि कैबिनेट कमेटी ऑन अकोमोडेशन चाहे तो गृह मंत्रालय के आकलन के आधार पर इसकी सिफारिश कर सकती है। एक अधिकारी के मुताबिक साल 2000 में ही ये नियम बना दिया गया था कि जिस व्यक्ति के पास SPG सुरक्षा नहीं है, उसे किसी तरह का सरकारी बंगला नहीं दिया जाएगा. पहले तय हुआ था कि इस श्रेणी में बंगले को मार्केट रेट से 50 फीसदी अधिक के किराये के रुप में दिया जाएगा, लेकिन बाद में इसे 30 फीसदी तक कर दिया गया था। फ़िलहाल इस मामले को लेकर सियासी बवाल मचा है। कहा जा रहा है कि इस बंगले को खाली करने के बाद प्रियंका गाँधी वाड्रा लखनऊ में हजरतगंज स्थित एक बंगले में शिफ्ट हो सकती है ।