भूपेश बघेल सरकार के कामकाज के तरीके से स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास मंत्री टी एस सिंहदेव नाराज….कभी भी मंत्रीमंडल से दे सकते है इस्तीफा
रायपुर / छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के कामकाज के तरीके से प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री टी एस सिंहदेव खासे नाराज़ है। वे कभी भी मंत्रीमंडल से अपना इस्तीफा दे सकते है। उन्होंने इसके संकेत उस वक़्त दिए जब किसानों की समस्याओं को लेकर कुछ मामले उनके संज्ञान में आये। दौरान उन्होंने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि किसानों की आर्थिक मदद के लिए जो फैसले लिए गए है, यदि अगली फसल के अंतर की रकम किसानों के खातों में नहीं पहुंची तो वे मंत्री मंडल से इस्तीफा दे देंगे। सूत्र बता रहे है कि बघेल सरकार के कामकाज से वे बेहद नाराज़ है। खासतौर पर जनता के साथ किये गए वादों से मुकर जाने को लेकर वे काफी आहत है।
सूत्र बता रहे है कि जल्द ही वे पार्टी घोषणा पत्र के वादों और अन्य मुद्दों को लेकर पार्टी आलाकमान से मिल सकते है। राजनैतिक गलियारों में चर्चा है कि आने वाले कुछ दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री टी एस सिंहदेव के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते है। चर्चा है कि आधा सैकड़ा के लगभग विधायक टी एस सिंहदेव के समर्थन में है। चर्चा यह भी है कि कुछ दिनों पूर्व रायपुर के अनुपम नगर स्थित एक कारोबारी के मकान में कुछ ‘माननीयों’ को बारी-बारी से लाया जा रहा था। यहाँ उन्हें एक नेता के पक्ष में बयान दर्ज करने और ब्रेनवाश करने जैसी क़वायतों को अंजाम देने की खबर है। बताया जाता है कि इस कदम से टी.एस. सिंहदेव काफी नाराज़ है।
सूत्र बता रहे है कि सरकार से जुड़े एक बड़े नेता को विश्वास में लेकर शुरू हुई यह कवायत आखरी दौर में बीजेपी समेत कांग्रेस के ही कुछ अन्य प्रभावशील नेताओं की रणनीति में विभक्त हो गई थी। दरअसल जिस शख्स ने इसकी शुरुआत की थी, उसने मुखिया के विरोधी नेताओं को भी इस कवायत से अवगत करा दिया। नतीजतन यह मिशन जहाँ फेल हो गया वही मंत्री टी एस सिंहदेव तक पल-पल की जानकारी पहुँच गई। यह भी बताया जा रहा है कि किसानों के साथ किये गए वादों को पूरा ना करने, शराब बंदी लागू ना करने, बेरोजगारों को ढाई हज़ार रुपये प्रतिमाह सहायता राशि ना देने जैसे पार्टी घोषणा पत्र के वायदों से मुँह मोड़ने के चलते वे नाराज़ बताये जा रहे है।
सूत्रों के मुताबिक टी एस सिंहदेव इस बात से भी खफा है कि छत्तीसगढ़ अब अवैध शराब का गढ़ भी बन गया है। एक खेमे के कुछ खास लोग प्रदेश में सरकार के सामानांतर अवैध शराब का कारोबार संचालित कर रहे है। इससे पार्टी और सरकार दोनों की छवि ख़राब हो रही है। वही आबकारी राजस्व का राज्य सरकार को जमकर नुकसान हुआ है। टी एस सिंहदेव बेशकीमती सरकारी जमीनों को बेचे जाने के पक्ष में भी नहीं है। वे इसके दूसरे विकल्प खोजने के पक्षधर है। राजनैतिक सूत्रों के मुताबिक रायगढ़, कोरबा, जांजगीर चांपा, अंबिकापुर और बिलासपुर में कोयला कारोबारियों और पॉवर प्लांट में प्रति टन कोयले पर चौथ वसूली और महासमुंद निवासी एक खास कारोबारी को पॉवर प्लांट से निकलने वाली राख का ठेका देने के मामलों में दबाव बनाने के प्रकरणों से वे खफा है।
वे इस मामले में नौकरशाही की भूमिका से भी असंतुष्ट है। कैबिनेट मंत्री टी एस सिंहदेव के करीबी एक नेता के मुताबिक ‘महाराज जी’ साफ सुथरी छवि के नेता है। उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार किया था। इस दौरान प्रदेश की जनता ने ‘महाराज जी’ पर विश्वास कर कांग्रेस को दिल खोल कर वोट दिया था। लेकिन सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में तीन बड़े वर्गों की समस्याओं का पूर्ण निराकरण नहीं होने से यह कांग्रेस की वादा खिलाफी के रूप में देखा जा रहा है। इससे यह वर्ग कांग्रेस से मायूस हो रहा है। इस नेता ने दावा किया है कि ‘महाराज’ का हाथ कांग्रेस के साथ है। प्रदेश की जनता का महाराज पर पूर्ण विश्वास है। इसलिए महाराज कांग्रेस के हित में ही कार्यरत है।
गौरतलब है कि बीते दो दिनों से कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव के काफी महत्वपूर्ण बयान सामने आ रहे है। ताजा बयान में उन्होंने कहा है कि अगली फसल के आने से पहले किसानों को अंतर की राशि की दूसरी किस्त देने के लिए कैबिनेट में तय किया गया था। उन्होंने कहा कि यदि अगली फसल के पहले प्रति क्विंटल अंतर की राशि किसानों के खाते में नहीं आई तो वे इस्तीफा दे देंगे। इस बयान के एक दिन पूर्व टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री निवास के समक्ष बेरोजगारी से परेशान एक युवक के आत्महत्या के प्रयास के मामले में भी बड़ी संजीदगी से अपना वक्तव्य जारी किया था।