मल्टीयूटीलिटी सेंटर की महिलाओं ने 6 माह में किया 1.10 करोड़ रूपए का व्यवसाय: मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महिला समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की गुणवत्ता को सराहा
- मल्टीयूटीलिटी सेंटर की गतिविधियों के लिए सीएसआर फंड से 15 लाख रूपए देने की घोषणा की
- मुख्यमंत्री से ‘कल्पतरू‘ मल्टीयूटीलिटी सेंटर सेरीखेड़ी की महिलाओं ने की मुलाकात
- कोरोना संकट काल में मल्टीयूटीलिटी सेंटर से महिलाओं को मिला बड़ा सहारा
- महिलाओं को 30 लाख रूपए की मिली मजदूरी
रायपुर 27 जून 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में ‘कल्पतरू‘ मल्टीयूटीलिटी सेंटर, सेरीखेड़ी में कार्य कर रही बिहान रायपुर (उजाला ग्राम संगठन) की महिलाओं ने मुलाकात की। महिलाओं ने इस सेंटर में तैयार किए जा रहे विभिन्न उत्पाद मुख्यमंत्री को दिखाए और उनके संबंध मंे जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की और उनके बारे में महिलाओं से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए सेरीखेड़ी के इस मल्टीयूटीलिटी सेंटर के कार्य के विस्तार और विभिन्न गतिविधियों के लिए सीएसआर मद से 15 लाख रूपए की राशि उपलब्ध कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राशि से उन्हें काम करने और भी अधिक आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मल्टीयूटीलिटी सेंटर सेरीखेड़ी की गतिविधियों और तैयार किए जा रहे उत्पादों पर केन्द्रित फोल्डर का विमोचन किया। महिलाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना संकट काल में उन्हें इस सेंटर के माध्यम से रोजगार और आय का बड़ा सहारा मिला। महिलाएं अपने साथ गोबर से तैयार गमले, राखी जैसे उत्पाद भी मुख्यमंत्री को दिखाने लायी थीं। महिला समूह की अध्यक्ष श्रीमती मोहिनी डहरिया ने गोधन न्याय योजना प्रारंभ करने की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत समूहों की महिलाएं इस सेंटर में ग्लिसरीन साबुन, डिजायनर मोमबत्ती, बांस के ट्री गार्ड, अगरबत्ती, फिनायल, फेश वास, मशरूम, मुनगा पावडर से तैयार कुकीज, हर्बल टी, एलईडी बल्ब, स्लीपर, गोबर के गमले, हर्बल गुलाल तथा बांस, गोबर, सब्जी के बीज और ग्लिसरीन सोप से डिजायनर राखियां तैयार कर रही हैं। कोरोना संकट के काल में सेंटर की महिलाओं द्वारा सेनेटाईजर, कोरोना से बचाव के लिए फेश सील्ड, तीन लेयर वाले कॉटन के मास्क, मेडिकल गाउन और हाल ही में पीपीई किट तैयार करना शुरू किया गया है। सेरीखेड़ी सेंटर की महिलाओं ने क्वारेंटाईन सेंटर में रूके मजदूरों के लिए कोरोना सुरक्षा किट भी तैयार किए, जिनका उपयोग रायपुर के क्वारेंटाईन सेंटरों में किया गया। इस किट में सेनेटाईजर, साबुन, मास्क आदि सामग्री शामिल की गई थी।
इस अवसर पर उपस्थित रायपुर कलेक्टर श्री एस. भारतीदासन ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले वर्ष दिसम्बर से प्रारंभ इस सेंटर में 180 महिलाएं काम कर रही है। महिलाओं द्वारा उत्पादित विभिन्न सामग्रियों का अब तक कुल 1 करोड़ 10 लाख रूपए का व्यवसाय किया है। इस अवधि में महिलाओं को लगभग 30 लाख रूपए की मजदूरी का भुगतान किया गया है। यहां काम करने वाली महिलाओं को 25 रूपए प्रति घंटे के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। हर महिला को औसतन 200 रूपए प्रतिदिन मजदूरी मिलती है। महिलाएं इस केन्द्र में गौमूत्र, गोबर पावडर, गोबर के अर्क, आलू विटामिन ई, कैमल मिल्क, गोट मिल्क और एलोवेरा से साबुन तैयार कर रही हैं। अच्छी गुणवत्ता के कारण इनकी अच्छी बिक्री हो रही है। अब तक इस केन्द्र में तैयार लगभग 12 लाख रूपए के साबुन बेचा गया है। इस केन्द्र में तैयार साबुन को भारत सरकार के खादी बोर्ड द्वारा खरीद कर पूरे देश में इसका विक्रय किया जा रहा है। सेरीखेड़ी सेंटर में कोरोना से बचाव के लिए तैयार किए जा रहे मास्क मात्र 40 रूपए में बेचे जा रहे है, जबकि बाजार में इसकी कीमत 120 रूपए तक है। मल्टीयूटीलिटी सेंटर से उजाला ग्राम संगठन के 35 स्व-सहायता समूह जुड़े हैं।
सेंटर की महिलाओं द्वारा 11 हजार बांस के ट्री गार्ड तैयार किए गए। बैम्बू ट्री गार्ड का लगभग 46 लाख रूपए का बिजनेस किया गया, जिसमें से 5 से 6 लाख रूपए का फायदा हुआ। सेंटर की महिलाएं बांस के पावडर, गोबर और चारकोल से अगरबत्ती तैयार कर रही है। सेंटर द्वारा तैयार किए जा रहे बेकरी आइटम में मशरूम, मुनगा, रागी, कोदो, ओटस आदि का उपयोग भी किया जा रहा हैै। विभिन्न प्रकार की चाकलेट, पेस्टीज तैयार किए जा रहे हैं। मुनगा पावडर और मशरूम पाउडर भी यहां तैयार किए जा रहे हैं। इस सेंटर की 19 महिलाओं को चप्पल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया, 10 मशीनें उपलब्ध कराई गई, यहां एक हजार चप्पल प्रतिदिन तैयार किए जाते हैं। जिसे स्थानीय व्यापारियों द्वारा बेचा जाता है। अब तक इस सेंटर में तैयार 25 लाख रूपए की चप्पलें बेची गई, जिनसे 3 लाख रूपए की आमदनी हुई। सेंटर में एलईडी एसेम्बलिंग यूनिट की शुरूआत की गई है। इस यूनिट में 400 बल्ब बनाने की क्षमता है। महिलाओं को शत-प्रतिशत बाई बेक की नीति पर सामग्री उपलब्ध कराकर एलईडी बल्ब तैयार कराए जा रहे हैं। हर्बल गुलाल, जूट बैग, पेपर बैग भी तैयार किए जाते हैं। सेंटर द्वारा 6 से 7 हजार लीटर सेनेटाईजर की बिक्री की जा चुकी है। सेंटर में कृत्रिम मोती की खेती, एक्वा कल्चर, बैम्बू बेस पर एक्वेरियम के निर्माण का काम भी शुरू किया गया है। इस सेंटर में पांच तरह की हर्बल टी तैयार की जा रही है, जिसकी काफी मांग है। यहां इम्युनिटी बूस्टर टी, एनर्जी बूस्टर टी, फ्रेशनर टी और कामिग टी जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। सेरीखेड़ी की मल्टीयूटीलिटी सेंटर को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं, विभिन्न विभागों के सहयोग, सीएसआर फंड की राशि से विकसित किया गया है। क्रेडा द्वारा कोल्ड स्टोरेज, सोलर ड्रायर, सोलर वाटर हीटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही साथ केनरा बैंक, मोनेट, बैंक ऑफ बडौदा, यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंश, हाईटेक पावर, नंदन स्टील्स, बाल्को और जनमन फाउंडेशन द्वारा सहयोग दिया गया है। इस सेंटर में काम करने वाली महिलाओं के लिए दाल-भात सेंटर, छोटे बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र भी संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्य सचिव श्री आर. पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, जिला पंचायत रायपुर के सीईओ डॉ. गौरव कुमार सिंह, सेरीखेड़ी मल्टीयूटीलिटी सेंटर की महिलाएं श्रीमती मोहिनी डहरिया, श्रीमती स्वमिता वर्मा, श्रीमती दया धु्रव, श्रीमती लता मनहर और श्रीमती सीमा साहू उपस्थित थीं।