भाजपा बताए क्या मोदी सरकार देश के सिर्फ 116 जिलों के प्रवासी मजदूरों के लिए ही जिम्मेदार है : धनंजय

भाजपा बताए क्या मोदी सरकार देश के सिर्फ 116 जिलों के प्रवासी मजदूरों के लिए ही जिम्मेदार है : धनंजय
मोदी सरकार ने गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ के 28 जिलों के 5 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को बाहर किया, भाजपा मौन क्यों? 
 
मोदी भाजपा के असंवदेनशीलता के चलते छत्तीसगढ़ के 5 लाख प्रवासी मजदूरों को 1 हजार करोड़ रूपये की आर्थिक क्षति पहुंची है
मोदी और भाजपा अब मजदूर-मजदूर और राज्य-राज्य में दलगत कारणों से भेदभाव कर रही
छत्तीसगढ़ के 28 जिलों को गरीब कल्याण योजना से वंचित रखने पर कांग्रेस ने मोदी और भाजपा पर छत्तीसगढ़ विरोधी, गरीबी विरोध, और मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाया

रायपुर/23 जून 2020। 
कांग्रेस ने मोदी सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ के 28 जिला को बाहर कर मजदूरों के साथ अन्याय करने और मजदूर मजदूर में भेदभाव करने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी की नेतृत्व वाली सूटबूट वाली सरकार आजाद भारत की ऐसी पहली सरकार है जो केंद्रीय योजनाओं को भी दलगत कारणों से भेदभाव करते हुए लागू करती है। प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने शुरू की गई, मोदी सरकार की गरीब कल्याण योजना का लाभ देश के 747 जिलों के प्रवासी मजदूरों को नहीं बल्कि मात्र 116 जिलों में इस योजना को लागू कर मोदी भाजपा की सूटबूट वाली सरकार ने मजदूर-मजदूर में भेदभाव करने का निंदनीय कृत्य किया है। कोरोना महामारी संकटकाल में छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में लगभग 5 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक एवं उनका परिवार सकुशल छत्तीसगढ़ लौटे हैं। मोदी सरकार के श्रमिकों के प्रति असंवेदनशील गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते बीते दो महिनें में छत्तीसगढ़ के 5 लाख प्रवासी मजदूरों को 1 हजार करोड़ रूपये की आर्थिक क्षति पहुंची है। रोजी रोजगार का संकट और मानसिक तनाव से मजदूरो को गुजरना पड़ा है। मोदी सरकार तत्काल मजदूरों के खाते में 10 हजार रूपये जमा कराने के बजाये मजदूरों के नाम से शुरू की गयी गरीब कल्याण योजना से ही मजदूरों को बाहर कर दिया है। लाकडाउन के दौरान मोदी भाजपा के अन्याय पूर्ण अमानवीय रवैया के चलते छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों को भूखे, प्यासे, नंगे पांव सड़को पर भटकना पड़ा। लखनउ से परिवार लेकर सायकल से छत्तीसगढ़ आने के लिये निकले श्रमिक की सड़क हादसे में सहपरिवार मौत हो गयी। ऐसे संकटकालीन दौर में प्रवासी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की अत्यंत आवश्यकता है। राज्य सरकार मनरेगा के माध्यम से जॉब कार्ड बनाकर प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार देने का प्रबंध कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ के 28 जिलों के 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को बाहर करना मोदी भाजपा के छत्तीसगढ़ विरोधी, गरीब विरोधी और मजदूर विरोधी होने का पुख्ता प्रमाण है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ भाजपा के 9 सांसदों से सवाल पूछा क्या छत्तीसगढ़ के 28 जिला के प्रवासी मजदूरों को गरीब कल्याण योजना के मार्फत रोजगार नहीं मिलना चाहिए? क्या मोदी भाजपा की सरकार बनाने में 28 जिलों के गरीब मजदूर किसानों का कोई योगदान नहीं है? मजदूरों के नाम से घड़ियाली आंसू बहा कर राजनीति करने वाले भाजपा के सांसद मोदी सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के मजदूरों के साथ किए जा रहे अन्याय पर मौन क्यों हैं?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के तीन चौथाई क्षेत्र अत्यंत पिछड़े एवं वन क्षेत्र है जहां पर राज्य के लगभग 80 प्रतिशत अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के लोग निवासरत हैं। राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि एवं सामान्य मजदूरी पर निर्भर है जो सामान्यतः असंगठित क्षेत्र कृषि मजदूर एवं सीमांत कृषक हैं। राज्य के बस्तर सरगुजा संभाग सहित अन्य संभागों में आदिवासी वर्ग की बहुलता है साथ ही दस आकांक्षी जिले हैं। गरीब कल्याण योजना में छत्तीसगढ़ को सम्मिलित नहीं किए जाने से यहां के गरीबों कृषि मजदूरों प्रवासी मजदूरों एवं सीमांत किसानों में अत्यंत निराशा का भाव है। उपरोक्त दृष्टि से राज्य वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के साथ में निवासरत मजदूरों को भी तत्कालिक रूप से रोजगार की प्राथमिक आवश्यकता है।

The News India 24

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