यदि बैकअप फोर्स थी, तो बैकअप फोर्स को सैनिको पर चीन का बर्बर हमला होते ही क्यों नहीं भेजा गया? : शैलेश

यदि बैकअप फोर्स थी, तो बैकअप फोर्स को सैनिको पर चीन का बर्बर हमला होते ही क्यों नहीं भेजा गया? : शैलेश
दिन-रात खुद के ‘मजबूत नेतृत्व’ का ढोल पीटने वाले दिल्ली के हुक्मरानों की कूटनीतिक चूक और गंभीर गलतियों की कीमत सैन्य अधिकारी व सैनिकों की शहादत से देश को चुकानी पड़ी
 
जब हमारे सैन्य अधिकारी व सैनिकों को बगैर हथियार भेजा जा रहा था, तो आर्मी प्रोटोकॉल के अनुरूप उनकी सुरक्षा के लिए हथियारबंद ‘बैकअप फोर्स’ क्यों उपलब्ध नहीं करायी गयी थी?
 
चीन के शत्रुतापूर्ण मनसूबों व हमारे शूरवीरों पर षडयंत्र कर धोखे से हमला करने बारे में कोई अग्रिम जानकारी और सूचना हमारी सरकार के पास क्यों नहीं थी?
 
सैनिकों की शहादत को लेकर लगातार जारी है कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला

रायपुर/19 जून 2020। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आज जब पूरा देश हमारे वीर सैन्य अफसरों तथा सैनिकों की शहादत पर अश्रुपूर्ण श्रृद्धांजलि दे रहा है, तो स्वाभाविक तौर से देशवासियों के मन में अत्यंत पीड़ा भी है, आक्रोश भी और गुस्सा भी।
अब यह साफ और स्पष्ट हो चुका है कि चीन ने अक्षम्य बर्बरतापूर्ण अपराध किया है। चीनी सैनिकों ने राईफल की संगीनों, लोहे की रॉड, कंटीली बाड़ वाली लाठियों, डंडों व अन्य हथियारों से जानबूझकर हमारे जाँबाज सैन्य अधिकारी व सैनिकों पर हमला किया। जिस निर्दयता और निमर्मतापूर्वक तरीके से हमारे वीर जवानों को चीन द्वारा शहीद किया गया। 130 करोड़ देशवासियों का मन यह सोचकर कांप उठता है। यह बर्बरता क्रूरता और चीनी हिंसा सबसे अधिक गुस्सा दिलाने वाली, नामंजूर व तकलीफदेह बात है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आज देश में हर मन में वेदना व हर जुबान पर भारी रोष है। पूरे देश को न केवल इस बात की नाकाबिले बर्दाश्त पीड़ा है कि भारत मां के रणबांकुरों की निमर्मतापूर्वक शहादत हुई, अपितु इस बात का आक्रोश भी है कि उन्हें चीन से लड़ने के लिये निहत्थे लोहा लेने के लिए क्यों बाध्य किया गया?
क्या प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री देश को जवाब देंगे कि भारतीय 10 सैनिको को मुंहबंदी बनाने और चीन द्वारा छोड़े जाने की खबरों में कितनी सत्यता है। देश जानना चाहता है कि
1. हमारे जांबाज सैन्य अधिकारी व सैनिकों को निहत्थे क्यों भेजा गया था?
2. किस हुक्मरान ने हमारे सैन्य अधिकारी व सैनिकों को यह आदेश दिया?
3. जब हमारे सैन्य अधिकारी व सैनिकों को बगैर हथियार भेजा जा रहा था, तो आर्मी प्रोटोकॉल के अनुरूप उनकी सुरक्षा के लिए हथियारबंद ‘बैकअप फोर्स’ क्यों उपलब्ध नहीं करायी गयी थी? यदि बैकअप फोर्स थी, तो बैकअप फोर्स को बर्बर हमला होते ही क्यों नहीं भेजा गया?
4. चीन के शत्रुतापूर्ण मनसूबों व हमारे शूरवीरों पर षडयंत्र कर धोखे से हमला करने बारे में कोई अग्रिम जानकारी और सूचना हमारी सरकार के पास क्यों नहीं थी?
5. क्या चीन की मंशा समझने में हुयी भारी चूक केंद्रीय सरकार व उनके नेतृत्व की घोर विफलता का प्रतीक नहीं?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि दिन-रात खुद के ‘मजबूत नेतृत्व’ का ढोल पीटने वाले दिल्ली के हुक्मरानों की कूटनीतिक चूक और गंभीर गलतियों की कीमत सैन्य अधिकारी व सैनिकों की शहादत से देश को चुकानी पड़ी।
देश सुरक्षित हाथों में नहीं है। अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी पर लगाम, कोरोना की रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण मोर्चो पर विफल मोदी सरकार से अब सरहदों की रक्षा भी नहीं हो पा रही है।

The News India 24

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *