प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में ‘‘रोका-छेका-संकल्प अभियान’ 19 जून से 30 जून तक
जिला कलेक्टर, नगरीय निकायों के आयुक्तों एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को निर्देश जारी
रायपुर, 16 जून 2020/ छत्तीसगढ़ राज्य के ग्रामीण परिवेश में फसलों को खुले में घूमने वाले पशुओं से सुरक्षित रखने के लिए रोका-छेका की परम्परा प्रचलित है। शहरों के आसपास स्थित फसलों, बाड़ियों, उद्यानों आदि की सुरक्षा के लिए इसप्रकार की व्यवस्था की आवश्यकता है। नगरीय क्षेत्रों को आवारा पशु मुक्त, साफ-सुथरा एवं स्वच्छ रखने के साथ-साथ दुर्घटना मुक्त रखने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर 19 जून से 30 जून तक प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में ‘‘रोका-छेका-संकल्प अभियान’’ चलाया जाएगा। साथ ही 19 जून को पशुपालकों से अपने आसपास के वातावरण तथा शहर को स्वच्छ, साफ-सुथरा तथा दुर्घटनामुक्त रखने के लिए संकल्प पत्र भरवाया जाएगा, जिसके लिए नगरीय निकायों में मुनादी के द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा इस अभियान के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों, नगरपालिका निगम के आयुक्तों, नगरपालिका परिसर और नगर पंचायत के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि नगरीय निकायों में निर्मित गोठान और गोठानों की क्षमता का आंकलन किया जाए और इसमें आवश्यक संधारण कार्य कराकर चारे की समुचित व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जाए। निकाय के आयुक्त, मुख्य नगरपालिका अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोई भी मवेशी निकाय की सड़कों, सार्वजनिक स्थलों पर आवारा घूमते हुए नहीं पाया जाए। आवारा घूमते हुए पशुओं को काउ कैचर द्वारा गौठान भेजने की प्रभावी व्यवस्था की जाएगी। पालतू पशुओं को नियमानुसार शुल्क, जुर्माना का भुगतान करने के बाद ही मुक्त कर संबंधित पशुपालक को सौंपा जाएगा। यदि कोई मवेशी 30 जून के बाद निकाय क्षेत्र में अनियंत्रित खुले में घूमता हुआ पाया जाता है तो उसके लिए संबंधित नगरीय निकाय के आयुक्त, मुख्य नगरपालिका अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
निर्देश दियो गया है कि निकाय द्वारा प्रत्येक वार्ड में वार्ड प्रभारी की नियुक्ति की जाए। उनके द्वारा 18 जून तक वार्ड का सर्वेक्षण कर, वार्ड में निवासरत पशुपालकों के नाम और पालतू पशुओं की जानकारी एकत्र की जाए। इसके बाद 19 जून को वार्ड के सर्वेक्षित पशुपालकों से निर्धारित संकल्प पत्र हस्ताक्षर सहित प्राप्त किया जाए। पशुओं से संबंधित रिकार्ड और हस्ताक्षरित संकल्प पत्र, वार्ड कार्यालय और नगरीय निकाय कार्यालय के रिकार्ड में रखे जाएं। नागरिकों को पशुपालन के लिए समुचित व्यवस्था रखने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। नगरीय निकायों में स्थित कांजी हाउस, गोठान की जानकारी से समस्त नागरिकों को अवगत कराया जाए। साथ ही घूमते पाए जाने वाले आवारा पशुओं के लिए निकाय द्वारा निर्धारित दण्ड के बारे में भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। पशुपालन से उत्सर्जित पदार्थों से उपयोगी सामग्री यथा-खाद इत्यादि बनाये जाने के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जाए और पशुपालन स्थल पर खाद निर्माण के लिए स्थल कमी की स्थिति में निकायों में स्थित कम्पोस्ट शेड की जानकारी से अवगत कराएं।