मंगलवार दोपहर में खबर आई थी कि एलएसी पर गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए. लेकिन रात होते-होते यह आंकड़ा 20 तक पहुंच गया. यह भी आशंका जताई जा रही है कि यह आंकड़ा और बढ़ भी सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक भी बुलाई थी, जो अब खत्म हो गई है।
यह घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी कर कहा था कि भारत ने हमेशा LAC का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा करना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि LAC पर कल जो हुआ, उससे बचा जा सकता था.
LAC पर झड़प के बाद दिल्ली में ताबड़तोड़ बैठकों का दौर शुरू हो गया था. पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ बैठक हुई और फिर राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन पर हालात की जानकारी दी. उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम आवास जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
भारतीय सेना ने मंगलवार को जारी बयान में कहा था, गलवान घाटी में सोमवार रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए.
चीनी विदेश मंत्रालय ने भी इस बारे में आधिकारिक बयान जारी कर उलटे भारत पर घुसपैठ करने का आरोप लगाया. एएफपी की खबर के मुताबिक, चीन का कहना है कि भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर क्रॉस करके हमला किया था. चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत को एकतरफा कार्रवाई न करने की ‘सलाह’ भी दी थी।