कोरोना पर संतोष दास सरल का आलेख
जब देश में कोरोना के महज 2 से 3 मामले थे तो लग रहा था ये तो विदेशी बिमारी है हमारे देश के लोगों को तो नहीं हो सकती.. जब 50 मामले हुए तो लगा कि जो लोग विदेश गए थे केवल उन्हें ही यह बीमारी हुई है चिंता की कोई बात नहीं हमें ये बीमारी नहीं होगी.. जब 500 मामले हुए तो लगने लगा ये तो बडे शहरों की बीमारी है दिल्ली, मुंबई, बंगलौर, इंदौर जैसे महानगरों में ही हो सकती है हम तो इससे अछूते रहेंगे.. जब 5,000 मामले हुए तो हम सोंचने लगे कि ये बीमारी केवल महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात जैसे बडे राज्यों में ही फैल सकती है छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य तक नहीं पहुंचेगी.. जब देश में 25,000 मामले हुए तथा छत्तीसगढ़ में भी इसके लक्षण दिखने शुरू हुए तो लगने लगा कि ये महामारी राजधानी रायपुर तक ही सीमित रहेगी कम से कम कई सौ किलो मीटर दूर हमारे शहर में तो नहीं पहुंचेगी.. अाज देश में 2,50,000 तथा प्रदेश में 1,000 मामलों के साथ आपके जिले व शहर में कोरोना ने दस्तक दे दिया है.. क्या अब भी आप कहेंगे कुछ भी हो जाए कोरोना मेरे मोहल्ले या पडोस में तो नहीं आ सकता..??
यदि आप अब भी इसी भ्रम में हैं कि दुनिया को कोरोना हो जाए मुझे नहीं हो सकता.. तो आपको एक न एक दिन कोरोना जरूर होगा.. इंतजार करें..
कोरोना का प्रसार अब आपके द्वार तक है.. स्वागत करें या इसे दूर भगाऐं..आपके हाथ में है..
सावधान रहें.. सुरक्षित रहें.. क्योंकि आपको केवल और केवल आप खुद ही बचा सकते हैं.. ईश्वर नहीं..
आलेख-
संतोष दास सरल,
अंबिकापुर, 9826165324.