भारतीय बौद्ध महासभा ने शांति स्वरुप बौद्ध को श्रद्धांजलि दी
रायपुर/07 जून 20220। भारतीय बौध्द महासभा के जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके जी ने दिवंगत शांति स्वरूप बौध्द जी के जिवनी पर प्रकाश डालते हुये कहा की शांति स्वरुप बौद्ध का जन्म 2 अक्टूबर 1939 को फराशाखाना पुरांनी दिल्ली मे हुआ था । दिनांक 6 जून 2020 को उनका निर्वाण हुआ है। उनके निर्वाण से आंबेडकरवादी बौद्ध विचारधारा का बहुत बडा नुकसान हुआ है ।
वे सम्यक प्रकाशन दिल्ली के संस्थापक संचालक थे, वे भारत भर और विदेशों मे भी प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान तथा प्रखर वक्ता के रूप में जाने जाते थे । वे चित्र कथाओं के सशक्त आकलनकारी अम्बेडकरवादी बौद्ध साहित्य के लेखक के रूप मे किर्तीवान रहे। वे आंबेडकरवादी बौद्ध चिंतक थे।
शांतिस्वरूप जी को शांतिस्वरूप यह नाम विश्वरत्न बोधीसत्व डॉ बाबासाहब डॉ.आंबेडकर ने दिया था ऐसा विदित प्रमाणित है।
उत्तर भारत मे बौद्ध धम्म का प्रचार-प्रसार और प्रगती की और ले जाने वाले शांन्तीस्वरुप बौध्दजी ने अपना संपूर्ण जीवन बौद्ध समाज ,वंचित और पिछडी जातीयों को जागृत करने उन्हे एकजुट करने के लिए व्यतीत किया था. उनका यह सराहनीय कार्य और बौद्ध इतिहास पर गहन अध्ययन करने का कृतिशिल योगदान को बौद्ध समाज की आने वाली पीढियां कभी नहीं भुला पाएगी।
उनके निधन पर भारतीय बौद्ध महासभा की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गयी । श्रद्धांजलि देने वालो में प्रदेश अध्यक्ष बी.एस जागृत, जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके,भोजराज गौरखेड़े , सी.डी.खोबरागडे, नीलकंठ सिंगाड़े, एस.आर.कांडे, सी.एल.माहेश्वरी,अशोक डोंगरे,डाँ.प्रज्ञातारा,रजनी घरडे,संजय गजभिये,ज्ञानेश्वर बावनगड़े, कमलेश रामटेके,राहूल रामटेके, विजय चौहान, ज्ञानिराम रामटेके,बीरबल गड़पाले ,अजय वाहने,
योगेश राउत, विजय गजघाटे, जी.एस.मेश्राम, बेनिराम गायकवाड,मदन मेश्राम,दिलीप टेम्भुर्णे, शैलेश बड़गे संदीप डोंगरे,सुरेन्द्र गोंडाने ,मोतिमाला कोल्हेकर,अनिल वैद्य,प्रमोद वैद्य,खुशाल टेम्भुर्णे,राजेश कामडे,मनोज सहारे,हेमराज डोंगरे,मुकेश डोंगरे,,नलिनी बौद्ध,माया पाटील,पुष्पा सतदेवे,रूपलता कान्हेकर,दिलीप मेश्राम,सी.डी.मेश्राम, बी.आर.धावड़े आदि लोग शामिल थे.