बलरामपुर / बलरामपुर में बालक छात्रावास में क्वारेंटाइन किए गए एक युवक की पिटाई का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि दिल्ली से लौटे एक युवक ने क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन और अव्यवस्था का वीडियो बना कर फ़ेसबुक पर पोस्ट किया था। आरोप है कि इस पोस्ट के बाद दिलीप गुप्ता नामक युवक के साथ मारपीट की गई और उसे दूसरे क्वारेंटाइन सेंटर रवाना कर दिया गया।
मामले की शिकायत पीड़ित युवक के परिजनों ने की है। उनके मुताबिक तहसीलदार और जनपद सीईओ विनय गुप्ता ने क्वारनटाईन सेंटर में घूसकर उनके बेटे के साथ मारपीट और गाली गलौज की। दिलीप के पिता चंद्रिका गुप्ता ने पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल और मुख्यमंत्री से भी की है। लेकिन कोई करवाई नहीं ना होते देख पीड़ित परिजनों ने स्थानीय सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह को घटना की जानकारी दी। मामले की शिकायत के बाद केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह उस क्वारेंटाइन सेंटर पहुंची, जहाँ इस युवक को रखा गया है। उन्होंने क्वारेंटाइन सेंटर में पीड़ित युवक से पूछताछ की और युवक के परिजनों के आरोप को सही बताया। केंद्रीय मंत्री ने मारपीट करने वाले अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए।
बुरी तरह भड़की केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने अफसरों को फटकार, लगाते हुए कहा “अव्यवस्था का मसला हो तो क्या बताएगा भी नही ? क्या समझते हो खुद को ? मारपीट करते हो, ये अधिकार किसने दिया है? उपर से झूठ बोलता हो। अंधेरे में बेल्ट से मारना मुझे भी आता है.. सबको आता है समझे.. कहाँ जा रहा है पैसा..कोई कमी नहीं दी केंद्र सरकार ने.. फिर ये गिलास तक मुहैया नहीं करा पा रहे हैं।” उधर पीड़ित युवक ने बताया कि यहाँ “खाने का कोई ठिकाना नहीं है, एक गिलास है उसी का इस्तेमाल शौच के लिए करना है, उसी का इस्तेमाल पानी पीने के लिए करना है, रहने का भी बेहाल हाल है।”
इस युवक ने जनपद सीईओ द्वारा मारपीट की पुष्टि करते हुए पीठ पर घटना के सात दिन बाद भी मौजुद निशान को दिखाया। बताया जाता है कि मारपीट के निशान देखने के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह बुरी तरह बिफरीं थी। उन्होंने तहसीलदार और जनपद सीईओ को जमकर फटकार लगाई। केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह इस बात पर भी नाराज़ थी कि, इस घटना को लेकर अधिकारियों ने झूठी जानकारी देते हुए किसी भी दुर्व्यवहार से इंकार कर दिया था।
केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने कहा –“सच बताया लड़के ने, आप लोगों की कलई खोली तो उसे घूस कर गंदी-गंदी गालियाँ दिए और बुरी तरह ऐसा पीटे कि सात दिन बाद भी निशान नहीं गए, उपर से अपराध अलग दर्ज कर दिए, आप लोग को पीटने का गाली देने का अधिकार कौन दिया, आप पर FIR क्यों नहीं” की जानी चाहिए ? फ़िलहाल इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।