जल्द ही हवाई सफर की शुरुआत हो सकती
दिल्ली वेब डेस्क / लॉकडाउन-4 कई मामलों में रियायत लेकर आ रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही हवाई सफर की शुरुआत हो सकती है। पहले दौर में घरेलू उड़ाने सफर पर निकलेगी। उसके बाद अंतराष्ट्रीय उड़ानों पर विचार होगा। सिविल एविएशन मंत्रालय ने एयरलाइंस को एसओपी जारी कर दी है। दरअसल वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण सरकार ने लॉकडाउन लागू किया हुआ है। इसके कारण विमानन उद्योग को काफी घाटा उठाना पड़ा है। हालांकि, सरकार ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही उड़ानों का परिचालन शुरू हो जाएगा। यही नहीं सरकार के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का फायदा विमानन कंपनियों को भी मिलेगा।
बुधवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस और हवाई अड्डा ऑपरेटरों को दिशानिर्देश जारी किए हैं। केंद्र ने एयरलाइंस से कहा है कि उड़ानें शुरू होने के पहले चरण में 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाए। साथ ही केबिन में बैग लेकर जाने पर ही रोक लगाई जाए।
एसओपी में कहा गया है कि चेक-इन करते समय एक बैगेज ले जाने की अनुमति होगी, जिसका वजन 20 किलो से कम होना चाहिए। साथ ही इसमें कहा गया है कि विमान में खाना नहीं दिया जाएगा। सिर्फ पानी मिलेगा, जिस कप या बोतल में दिया जाएगा।
सबसे महत्वपूर्ण शर्त रखी गई है कि अगर किसी यात्री या स्टाफ में कोई लक्षण दिखाई देता है या आरोग्य सेतु एप पर उसे ग्रीन सिग्नल नहीं मिल रहा है तो ऐसे व्यक्ति को एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग में दाखिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा मंत्रालय ने एयरलाइंस और हवाई अड्डा ऑपरेटर्स से प्रतिक्रिया भी मांगी है।
एसओपी के मुताबिक हवाई अड्डे के अंदर आने की इजाजत उन्हीं यात्रियों को दी जाएगी, जिनकी फ्लाइट छह घंटे के भीतर उड़ान भरने वाली होगी। जिनको बुखार या शरीर का तापमान अधिक होगा, उन्हें यात्रा करने से रोक दिया जाएगा। इसमें कहा गया है कि एयरलाइंस को प्रस्थान समय से तीन घंटे पहले चेक-इन काउंटर खोलना और प्रस्थान से 60 से 75 मिनट पहले बंद करना होगा। प्रस्थान समय से एक घंटा पहले बोर्डिंग शुरू हो जाएगी। विमान के उड़ने के 20 मिनट पहले गेट बंद हो जाएंगे।
इन दिनों लॉकडाउन के कारण विमानों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। सरकार के आदेश पर केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही विमानों को उड़ान भरने की अनुमति है। इसमें विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाना शामिल है। इसके अलावा कार्गो और रेस्क्यू (मेडिकल सामानों की आपूर्ति) को ही छूट दी गई है।