छत्तीसगढ़ में जरूरी चीजों के साथ-साथ बाकी दुकानों को खोलने की अनुमति के बाद बाजार गुलजार हो गए….सड़कों और बाजारों में भीड़ बढ़ेगी, तो कोरोना से जंग कैसे जीतेंगे ?
छत्तीसगढ़ में जरूरी चीजों के साथ-साथ बाकी दुकानों को खोलने की अनुमति के बाद बाजार गुलजार हो गए हैं. वाहनों की भीड़ इतनी जमा हो गई है कि सड़कों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति है. जब प्रशासन को और सतर्कता बरतने की जरूरत थी तब ढिलाई कर दी. अब ऐसे सड़कों और बाजारों में भीड़ बढ़ेगी, तो कोरोना से जंग कैसे जीतेंगे ? इन भीड़ को देखते हुए प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है ?
रायपुर। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन प्रदेश की अर्थव्यवस्था न बिगड़े इसलिए शराब दुकान, कपड़ा दुकान समेत कई दुकानों को खोलने की छूट दे दी गई है. दुकानों को खोलने की छूट मिलते ही सड़कों पर भारी संख्या में लोगों की आवाजाही होने लगी है. मानो लॉकडाउन ही खत्म हो गया हो. सड़कों पर लंबा जाम और बाजारों में भीड़ देखकर साफ लग रहा था कि बिना रोक-टोक के ही लोग आराम से घूमना और खरीददारी भी कर सकते हैं.
आप ये भीड़-भाड़ वाली जो तस्वीर देख रहे हैं, वो रायपुर के मालवीय रोड की है. राजधानी में प्रशासन के ढील के बाद सोमवार से कपड़े की दुकान समेत अन्य कई दुकानें खुल गई है. करीब 50 दिन के बंद के बाद हार्डवेयर, पेंट, सेनेटरी, मार्बल, टाइल्स, सीमेंट, लोहा, जूता, कपड़े की दुकानें खुल गई है. इसके अलावा जरूरी सेवाएं दवा, दूध, अस्पताल, सब्जी, फल, डेयरी, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी हफ्ते में सातों दिन संचालित होंगे. बाकी दुकानों के लिए समय और दिन भी निर्धारित किया गया है. किराने की दुकान हफ्ते में तीन दिन ही खुलेंगी. जबकि मई के महीने में शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन लागू रहेगा. हफ्ते में पांच दिन भीड़ बढ़ेगी और दो दिन लॉकडाउन लागू करने से क्या कोरोना पर लगाम लगाया जा सकता है ?
छत्तीसगढ़ में भले ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम है और मरीजों को डिस्चार्ज किया जा रहा है. लेकिन ऐसा नहीं है कि यहां कोरोना खत्म हो गया है. क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही साफ बता दिया है कि जून-जुलाई में कोरोना के बहुत मामले सामने आएंगे. ऐसे में इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. सिर्फ ज्यादा जरूरी चीजों की दुकाने खोली जानी चाहिए. नहीं तो आने वाले दिन भयावह हो सकते हैं.