लॉकडाउन 3.0 में नशे के व्यापार में देशव्यापी छूट और शराबबंदी के दो अलग-अलग तथ्यों और परिस्थितियों को मिलाकर भ्रम फैलाने में जुटे हैं, शराब तस्करों और कोचियों के संरक्षक भाजपाई : सुरेंद्र वर्मा
रायपुर/09 मई 2020। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 17 जून 2011 को “नशाबंदी का छत्तीसगढ़ मॉडल” देने की सार्वजनिक घोषणा करके लगातार छत्तीसगढ़ की जनता को लगातार ठगने वाले और वादाखिलाफी करने वाले रमन सिंह, सवा साल में ही कांग्रेस से हिसाब मांगने लगे। छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल सरकार शराबबंदी को लेकर कृत संकल्पित है जिसके लिए फुलप्रूफ प्लान बनाने राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक कमेटियों का गठन किया जा चुका है। चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ते हुए पूर्व में कई दुकानें बंद भी की गई है। छत्तीसगढ़ की सीमाएं 7 राज्यों से मिलती है। साथ ही बड़ी संख्या में अधिसूचित क्षेत्र है जहां से बिना सुव्यवस्थित तैयारी के शराब तस्करी रोक पाना एक बड़ी चुनौती होगी। 15 साल तक भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में कोचियों और तस्करों का एक बड़ा रैकेट भाजपाइयों के सहयोग से फलता फूलता रहा है। नशीली दवाओं गोलियों और नशे के अन्य विकल्प पर भी सुनियोजित नियंत्रण आवश्यक है। इस सामाजिक बुराई को मिटाने जनभागीदारी और व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाना भी आवश्यक है, जिसपर सरकार आगे बढ़ चुकी है! वायदों और जुमलों का फर्क सर्वविदित है, गुजरात जहां कहने को तो दशकों से पूर्ण शराबबंदी लागू है जबकि हकीकत यह है कि शराब की सर्वाधिक खपत भी वही हैं। इसी प्रकार बिहार में हो रहे अवैध शराब बिक्री का सच भी किसी से छुपा नहीं है।
मोदी सरकार द्वारा लॉक डॉउन 3.0 के लिए जारी एडवाइजरी में देशभर में न केवल शराब बल्कि तंबाकू, गुड़ाखू, गुटखा के बिक्री की भी अनुमति दी गई है! महामारी रोकथाम अधिनियम के तहत लॉक डाउन के दौरान बाजार और दुकान खोलने के संदर्भ में जारी किए जा रहे दिशा निर्देश को नीतिगत भावी योजनाओं से जोड़कर भ्रम फैलाना भाजपाइयों की हताशा और निराशा को प्रमाणित करता है। दिल्ली और महाराष्ट्र जो कि कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित है, वहां भी शराब दुकानें खोली गई है। हरियाणा में तो बीजेपी की ही सरकार है ना, वहां क्या बात हुई कि राज्य सरकार ने ना केवल शराब दुकान खोला बल्कि प्रति बोतल सेस भी लगा दिया। हाल ही में कोरोना महामारी के बुरे दौर से गुज़र रहे मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने स्पष्ट कहा कि “शराब की बिक्री में व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ठेकेदार तुरंत दुकान खोलें अन्यथा आवंटन निरस्त कर नए लोगों को जारी किया जाएगा”। हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह 7:00 से रात 11:00 बजे तक शराब दुकान खोलने का आदेश जारी किया है। छत्तीसगढ़ में तो ना केवल दुकान खुलने के समय में कटौती की गई, बल्कि शनिवार और रविवार को पूरी तरह से बंद करने रखने का भी निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार जहां कुछ दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग के पालन नहीं होने की बात पहले दिन सामने आई उन दुकानों को बंद करने का निर्देश भी जारी किया गया है। राजधानी में कुल 26 में से 15 दुकानें इसी आधार पर अभी बंद की गई हैं। यदि केंद्र से आवश्यक सहयोग मिलता तो राज्यों के पास और भी विकल्प होते।
ऐसे समय में जब केंद्र की मोदी सरकार ने मजदूर कामगार भाइयों से अतिरिक्त किराया लेकर कमाने का तरीका ढूंढा उस पर भाजपाइयों के बोल नहीं फूटे जब कांग्रेस पार्टी ने देश भर के मजदूरों के घर वापसी का रेल किराया देने का जिम्मा उठाया तो सराहना के एक भी शब्द नहीं निकले। हद है दोमुहे चरित्र की।
मध्यप्रदेश जहां कोरोना से हालात बदतर होते जा रहे हैं, जहां 150 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, वहां पर शराब बेचना जायज है? क्योंकि वहां बीजेपी की सरकार है। विगत दिनों मध्य प्रदेश से लगे रमन सिंह के गृह जिले कवर्धा में शराब तस्करी के अनेको मामले पकड़े गए। कवर्धा में ही भारतीय जनता पार्टी के कोषाध्यक्ष भी मध्य प्रदेश से शराब की तस्करी के मामले में रंगे हाथ पकड़े जा चुके हैं। लॉक डाउन के दौरान भी बीजेपी के मंडल अध्यक्ष खुलेआम शराब पीते और पिलाते पकड़े गए हैं। महामारी के दौर में भी भारतीय जनता पार्टी के नेता शराब तस्करों और कोचियों के लिए अवसर ढूंढ रही है।
असल बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी देश की जनता का भरोसा खो चुकी है। ना कोई तैयारी, ना सिस्टम, ना हीं ब्लू प्रिंट, प्लान और रोड मैप। देश का किसान, मजदूर, युवा, व्यवसाई, और मध्यम वर्ग सभी मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी की उपेक्षा, अहंकार पूंजीवादी व्यवस्था से तंग आ चुकी हैं। भाजपाई इन्हीं नाकामियों पर पर्दा डालने ग़लत बयानी कर रहे है।