केन्द्र सरकार डीजल और पेट्रोल के उत्पाद शुल्क के दामों में वृद्धि करने के निर्णय को तत्काल वापस ले : कांग्रेस
कच्चे तेलों के दामो में भारी गिरावट के बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा डीजल पेट्रोल का दर बढ़ाया जाना जनता को तबाह करने का निर्णय : मो. असलम
रायपुर/07 मई 2020। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मो. असलम ने कहा है कि पूरी दुनिया इस समय कोविड-19 के संक्रमण से जूझ रही है और रोजाना भारी संख्या में मौते हो रही है, भारत भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे समय में केन्द्र सरकार पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में बढ़ोत्तरी कर जनता का कमर तोडऩे में लगी हुई है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामो में भारी गिरावट है। लोगो के समक्ष रोजी-रोटी और रोजगार का संकट है वहीं भारत की केन्द्र सरकार सुस्त अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की असफल कोशिश में लगी हुई है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेल के दामो में भारी गिरावट का लाभ केन्द्र सरकार आम आदमी तक ना पहुंचाकर इसे कमाई का जरिया बना रही है और यह जनता के हक एवं विश्वास के साथ कुठाराघात है। ईंधन की कीमतो मे कमी करने के स्थान पर डीजल में 13 रुपए और पेट्रोल में 10 रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने का निर्णय ना सिर्फ अनुचित है बल्कि देश की जनता को तबाह और कंगाल करने वाली मानसिकता है। यही कारण है, कि जनता के समक्ष आज गंभीर आर्थिक कठनाई उत्पन्न हो गई है। दर बढ़ाए जाने के निर्णय को केन्द्र सरकार द्वारा तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मो. असलम ने मांग की है कि अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन के दामो में गिरावट का लाभ आम आदमी तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए डीजल की कीमत 40 रुपए तथा पेट्रोल 30 रुपए किया जाए। केन्द्र की सरकार ने 6 सालों में एक दर्जन से अधिक बार तेल की दामो में एक्साइज ड्यूटी बढ़ा-बढ़ा कर दर आसमान तक पहुंचा दिया है। और बुरे वक्तों में भी जनता को लुटने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है, जो अनुचित है आज स्थिति यह है कि स्कूटर में चलने वाला पेट्रोल का अधिक दर दे रहा है जबकि एविएशन फ्यूल सस्ता है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मो. असमल ने कहा है कि तेल की कीमतों में वर्ष 2014-15 और वर्ष 2015-16 में भी भारी गिरावट आई थी तब भी केन्द्र सरकार ने तेल के दामों में कमी नहीं कि थी अब उसे ही केन्द्र की सरकार दोहरा रही है। उस समय देश में जनता के साथ लॉकडाउन की स्थिति नहीं थी और ना ही संक्रमण का विकराल दौरा था। जनता उस बुरे दौर को तो झेल ली, किंतु अब पुन: दामों में वृद्धि कर आम जनता की जेब खाली करने का निर्णय दुर्भाग्य जनक है और देश की जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी।