सफलता की कहानी : लॉकडाउन: चकमक अभियान लाया बच्चों के लिए ज्ञान का पिटारा

सफलता की कहानी : लॉकडाउन: चकमक अभियान लाया बच्चों के लिए ज्ञान का पिटारा
नन्हें बच्चों के समग्र विकास का हो रहा प्रयास
रायपुर, 01 मई 2020/लॉकडाउन में जब सभी आंगनबाड़ियां बंद हैं चकमक अभियान और सजग कार्यक्रम बच्चों के लिए ज्ञान का पिटारा लेकर आया है। इससे न सिर्फ बच्चों का बौद्धिक विकास हो रहा है बल्कि बच्चे खुशी-खुशी शारीरिक गतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं। जशपुर जैसे दूरस्थ और आदिवासी अंचल में भी नन्हें बच्चों को वॉल पेंटिंग, औपचारिक शिक्षा पर राज्य शासन द्वारा तैयार की गई फिल्म दिखाई जा रही है। बच्चों को छत्तीसगढ़ी बाल गीत, आकर्षक कार्टून, वाीडियो पर आधारित अध्ययन सामग्री आकर्षित कर रही है। इसके साथ ही सजग कार्यक्रम के तहत् बच्चों के अभिभावकों को ऑडियो मैसेज दिया जा रहा है। ऑडियो मैसेज के माध्यम से पालकों को बच्चों के उचित देख-रेख पोषण संबंघी जानकारी देने के साथ बच्चों को कहानियां सुनाने और अपने स्वयं के अनुभव से बच्चों को सिखाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इससे बच्चों में सीखने के प्रति रूचि बढ़ रही है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के कारण घर पर ही नन्हें-मुन्हें बच्चों के बौद्धिक विकास तथा क्षमता को बढ़ाने और उनमें सीखने की प्रक्रिया को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सार्थक पहल करते हुए महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत 25 अपै्रल 2020 को आंगनबाड़ी के छोटे बच्चों के लिए चकमक अभियान और सजग अभियान की शुरूआत की है।
अभियान के शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री ने पुरानी टोली जशपुर निवासी नैन्सी चौहान, परिधि बड़ाईक की माता बसंती बड़ाईक एवं पुष्पा चौहान से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात करके बच्चों की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली थी। इस दौरान बच्चों ने मुख्यमंत्री को रस्सी से बने गोले को कूद कर पार निकल कर और रस्सी पर चलकर भी दिखाया। महिला बाल विकास अधिकारी श्री अजय शर्मा ने बताया है कि जशपुर जिले में आंगबनाड़ी केन्द्र के नन्हें मुन्हें बच्चों को इस अभियान से जोड़कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने-अपने सेक्टर के 8-10 बच्चों को एकत्रित करके वीडियो के माध्यम से शिक्षा दे रहे हैं और उन्हें अन्य गतिविधियों में शामिल करके उनका बौद्धिक विकास कर रहे है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों को खेल-खेल के माध्यम से अंगों की जानकारी, फल के नाम, फूलों के नाम, पक्षियों के नाम बताए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र बांडोेपारा सेक्टर घरजियाबथान परियोजना लूडेग की कार्यकर्ता इन्द्रावती, सरनापारा बटुराबहार की सविता नन्हें बच्चे योगिनी, दामिनी, प्रशांत, गुड्डू, अमरपूरी, प्रितेश आशिष, प्रियांशु को खेल एवं वीडियो के माध्यम से शिक्षा से जोड़ा जा रहा है।

The News India 24

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