कोरबा को ग्रीन जोन में शामिल करने राजस्व मंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
रायपुर, 30 अप्रैल 2020/ छत्तीसगढ़ के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र प्रेषित कर कोरबा जिले को ग्रीन जोन में शामिल करने का आग्रह किया है। ज्ञातव्य है कि कोरबा जिले के कटघोरा नगरीय इलाके में कोरोना संक्रमित 27 मरीज मिलने के कारण भारत सरकार द्वारा कोरबा जिले को रेड जोन घोषित किया गया है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री अग्रवाल ने केन्द्रीय स्वास्थय मंत्री को प्रेषित अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि बीते 14 दिनों से कोरबा जिले में कोरोना से संक्रमित कोई नया मामला नहीं मिला है। पूर्व में मिले कोरोना संक्रमित सभी व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर घर लौट गये हैं। उन्होंने उक्त स्थिति के मद्देनजर कोरबा जिले को रेड जोन से ग्रीन जोन में शामिल करने का आग्रह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से करते हुए अपने पत्र में लिखा है इससे कोरबा जिले के लोगों को लॉकडाउन की स्थिति में राहत पहुँचाने में मद्द मिलेगी।
मंत्री श्री अग्रवाल ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि जो व्यक्ति प्रदेश के दूसरे जिले में या अन्य प्रदेशों में है उसे आने-जाने में सहायता हेतु शासन के गाइडलाईन के अनुसार आदेश पारित किया गया है। जिससे कोरबा जिले में फंसे अन्य जिलों के या अन्य प्रदेशों के लोगों को भी अपने जिले या प्रदेश में आने-जाने की अनुमति मिल सकेगी। लंबे समय तक लॉकडाउन रहने एवं शासन द्वारा जारी गाइडलाईन के पालन के फलस्वरूप समस्त व्यवसायी, छोटे उद्योगपति, दुकानदार, ठेकेदार, गैराज संचालक, मिस्त्री, श्रमिक वर्ग, ऑटो चालक आदि वर्ग के लोगों के काम-धंधे रूक जाने की वजह से उनकी आय प्रभावित हुई है। इससे आर्थिक स्थिति खराब होने के साथ ही जीवन-यापन कठिन हो गया है। श्री अग्रवाल ने कहा है कि यदि कोरबा जिले को रेड जोन से ग्रीन जोन में शामिल किया जाता है तो व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन एवं जनजीवन को सामान्य होने में मदद मिलेगी।
राजस्व मंत्री ने पत्र में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने कार्य की सराहना करते हुए कोरोना वायरस से जुड़े समाचार को लोगों तक पहुंचाने तथा जन जागरूकता के लिए मीडिया का आभार जताया है। उन्होंने लॉकडाउन की वजह से लोगों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा है कि जिले में अन्य जिलों एवं राज्यों के फंसे हुए लोगों के जाने-आने की समस्या बनी हुई है। इसके समाधान के लिए नियमानुसार आवश्यक पहल जरूरी है।