मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को लिखा पत्र: छत्तीसगढ़ वापस आने वाले व्यक्तियों और श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण और अन्य व्यवस्था के संबंध में दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को लिखा पत्र: छत्तीसगढ़ वापस आने वाले व्यक्तियों और श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण और अन्य व्यवस्था के संबंध में दिए निर्देश
जिला कलेक्टर संबंधित राज्यों के जिला दण्डाधिकारी से चर्चा
और समन्वय कर बनाएंगे कार्ययोजना
रायपुर, 29 अप्रैल 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों और व्यक्तियों की वापसी के लिए आवश्यक पहल करने के निर्देश दिए है। जिसके तारतम्य में प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों पत्र लिखकर निकट भविष्य में छत्तीसगढ़ वापस आने वाले व्यक्तियों और श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए है। मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को राज्य में कोरोना वायरस (कोविड-19) के रोकथाम तथा नियंत्रण के लिए बेहतर प्रबंधन को लक्षित करते हुए आगामी कार्ययोजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को भेजे गए पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस महामारी से बचाव हेतु समुदाय स्तर पर सक्रिय निगरानी कर मरीज की त्वरित पहचान व उपचार किया जाना आवश्यक है। उन्होंने इस परिप्रेक्ष्य में पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य से अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए व्यक्तियों और मजदूरों के वापस अपने निवास जिले में आने की संभावना है। छत्तीसगढ़ वापस आने वाले व्यक्तियों और श्रमिकों के संबंध में आवश्यक कार्यवाही किया जाना जरूरी है। मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को प्रथमतः घर वापसी के इच्छुक श्रमिकों का पूर्ण आंकलन कर प्रवासी श्रमिकों की संख्या, उनके परिवार के सदस्यों की संख्या, प्रदेश जहां से वे आना चाहते हैं एवं सम्बद्ध जिला इत्यादि की जानकारी प्रदेशवार एवं जिलेवार एकत्रित करने को कहा है। यह आंकलन श्रमिक हेल्पलाईन, जनप्रतिनिधि, एनजीओ और अन्य माध्यमों से प्राप्त सूचना, शासन द्वारा जिन्हें सहायता उपलब्ध करायी गई है तथा अन्य व्यक्ति और श्रमिक जो छत्तीसगढ़ में आने के इच्छुक हैं के आधार पर किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को संबंधित प्रदेश के जिले के जिला दण्डाधिकारी से चर्चा और समन्वय कर यह जानकारी प्राप्त करेंगे कि कितनी संख्या में श्रमिक या व्यक्ति किस प्रदेश के किस जिले से कब आ रहे हैं या आने की संभावना है ताकि आवश्यक तैयारी की जा सके। कलेक्टरों द्वारा अन्य राज्यों से प्राप्त डाटा और जानकारी को तत्काल राज्य के नोडल अधिकारी से साझा करेंगे। मुख्य सचिव ने कलेक्टरों से कहा है कि कार्ययोजना बनाने एवं उसके क्रियान्वयन हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में नगर निगम आयुक्त और मुख्य नगर पालिका अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा है कि आंकलन के आधार पर वापस आने वाले श्रमिकों एवं परिवार के सदस्यों को क्वारेंटाइन में रखने हेतु सभी आवश्यक तैयारियां जिला प्रशासन के समन्वय से की जाए। ग्राम पंचायत स्तर पर गांव से दूर उपयुक्त भवन जैसे-स्कूल भवन, सामुदायिक भवन, आश्रम एवं छात्रावास इत्यादि में क्वारेंटाइन करने की कार्ययोजना तैयार की जाए। मुख्य सचिव ने लिखा है कि इस कार्ययोजना में मजदूरों की संख्या के आंकलन के आधार पर ग्राम पंचायत स्तर पर भी तैयारी की जाए। उन्होंने कलेक्टरों से कहा है कि अन्य प्रदेशों से वापस आये समस्त श्रमिकों का संपूर्ण ऑनलाइन डाटा बेस जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्था की भांति शहरी क्षेत्रों में भी व्यवस्था अन्य राज्यों से वापस आने वाले श्रमिकों और व्यक्तियों के लिए की जाए। इसी तरह क्वारेंटाइन सेंटर में भोजन एवं अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रवासी श्रमिकों का प्रदेश की सीमा पर ही स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। श्रमिकों की अधिकता की स्थिति बनने पर सीमावर्ती जिले के अतिरिक्ति अन्य नजदीकी जिले और अन्य निर्धारित स्थानों में भी स्वास्थ्य परीक्षण का काम किया जाएगा। इसके लिए पूर्व से ही स्थान और व्यवस्था का निर्धारण करने तथा इन व्यवस्थाओं को कारगर ढंग से लागू करने के लिए जिलों के मध्य समुचित समन्वय बनाने के निर्देश दिए है।
मुख्य सचिव ने कहा है कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़ीसा एवं तेलंगाना प्रदेश द्वारा बसों से मजदूरों को प्रदेश की सीमा तक पहुंचाने की स्थिति में छत्तीसगढ़ की सीमा पर संबंधित जिले के द्वारा प्रथमतः होल्डिंग एरिया या कैम्प में स्वास्थ्य परीक्षण, विश्राम एवं मजदूरों के भोजन की व्यवस्था अवश्य की जाए। स्वस्थ्य पाए गए मजदूरों और व्यक्तियों को एंट्री प्वांइट से उनके गंतव्य जिले तक पहुंचाने की व्यवस्था छत्तीसगढ़ शासन के परिवहन विभाग द्वारा की जाएगी। श्रमिकों और व्यक्तियों के परिवहन, भोजन तथा अन्य सुविधाओं के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से भुगतान की व्यवस्था करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं।
अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों और व्यक्तियों की संख्या को उस राज्य के नोडल अधिकारी से समन्वय कर नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए है ताकि अंतर्राज्यीय सीमाओं पर व्यवस्था ठीक-ठाक बनी रहे। मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को सभी कार्य योजनाबद्ध ढंग से तत्परता और सावधानी से संपादित करने के निर्देश दिए है। मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को दूसरे राज्यों के जिला प्रशासन से समन्वय कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी श्री सोनमणि बोरा सचिव सह श्रमायुक्त छत्तीसगढ़ शासन को राज्य कंट्रोल रूम नंबर 75878-22800 के माध्यम से अवगत कराने के निर्देश दिए है।
इसी तरह से अन्य राज्यों में मजदूरी हेतु गए छत्तीसगढ़ के व्यक्तियों के वापस आने पर अनिवार्यतः उन्हें 14 दिवस के लिए निर्धारित पद्धति से क्वारेन्टाईन जाने के भी निर्देश दिए है। सीमावर्ती जिलों में श्रमिकों और व्यक्तियों को स्वास्थ्य परीक्षण में अस्वस्थ्य पाए जाने पर क्वारेन्टाईन की व्यवस्था सीमावर्ती जिलों में ही सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा है कि ऐसे व्यक्ति जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाए उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क कर कोविड-19 की जांच अवश्य कराई जाए। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए जिला स्तर पर स्वास्थ्य परीक्षण क्वारेन्टाईन सेंटर होम क्वारेंटाईन संबंधी कार्य संपादित करने के निर्देश दिए गए है। मुख्य सचिव ने आशा व्यक्त की है कि राज्य के कलेक्टरों के कुशल मार्गदर्शन एवं प्रशासनिक नियंत्रण में छत्तीसगढ़ से कोरोना वायरस के राज्य में फैलाव को रोकने में हम सभी पूरी तरह से सफल होंगे।