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रायपुर । प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पूर्व मंत्री राजेश मूणत को फटकार लगाई। मूणत यह कह गए थे कि भूपेश सरकार के खिलाफ काफी मुद्दे हैं और इसको लेकर पेलना चाहिए। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की और उन्हें अपनी भाषा पर ध्यान देने की नसीहत दी। बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किया गया। जिसमें कहा गया कि दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की नक्सल हत्या का जिक्र करते हुए यह भी कहा गया कि किसी अज्ञात साजिश का शिकार होकर प्रदेश सरकार या तो नक्सलियों के प्रति नरम है या फिर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिस्टम में ही नक्सली घुस गए हैं और वे सरकारी निर्णयों को प्रभावित कर रहे हैं। प्रस्ताव में लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सांगठनिक नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
कार्यसमिति में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजनीतिक प्रस्ताव रखा और पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने इसका समर्थन किया। सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया कि इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जैसा अभूतपूर्व जनादेश मिला है। भाजपा को मिले 303 सीटों में से 220 सीटों पर 50 पचास प्रतिशत से ज्यादा वोट मिलना यह दिखाता है कि वास्तव में इस बार भारतीय लोकतंत्र ने ‘बहुमत का शासनÓ के लिए जनादेश दिया है। जनता ने भाजपा नीत राजग को 353 सीट देकर मजबूत लोकतंत्र एवं सशक्त भारत निर्माण में अपनी महती भूमिका निभायी है।
प्रस्ताव में आगे कहा गया कि छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के नैराश्य से उबरते हुए भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में लोकसभा चुनाव में जैसा प्रदर्शन किया है, यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित होने योग्य है। गत विधानसभा चुनाव में पार्टी को छग में 75 विधानसभा सीटों पर हार का मूंह देखना पड़ा था, इसके उलट मात्र सौ दिन के भीतर भाजपा तब के 15 सीटों के उलट 66 सीटों पर बढ़त बनाने में कामयाब रही, यह राजनीति शास्त्र के अध्येताओं के लिए भी आश्चर्य का विषय होगा। मात्र सौ दिनों के भीतर प्रदेश में भाजपा ने अपने मतों में 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि हासिल की है, अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के आह्वान को पूरा करते हुए पहली बार प्रदेश में पार्टी 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल करने में सफल रही, इस उपलब्धि के लिए भाजपा के दैव दुर्लभ कार्यकर्ताओं की जितनी प्रशंसा की जाय, कम है।