मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यहित से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी से की चर्चा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नीति आयोग की बैठक में हुए शामिल 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यहित से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी से की चर्चा,  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नीति आयोग की बैठक में हुए शामिल 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यहित से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी से की चर्चा,

लंबित विषयों के शीघ्र निराकरण का किया अनुरोध

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नीति आयोग की बैठक में हुए शामिल

Bhupesh with modiनई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उनसे छत्तीसगढ़ प्रदेश के 70 लाख आदिवासियों और 58 लाख गरीब परिवारों के सरोकारों से जुड़े लंबित विषयों के शीघ्र निराकरण का आग्रह किया।

अतिरिक्त चावल को केंद्रीय पुल में लिया जाए

मुख्यमंत्री भुपेश ने प्रधानमंत्री मोदी को कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों के हितों को ध्यान रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने किसानों से 2500 रू प्रति क्विटंल समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की है। इससे राज्य में अतिरिक्त धान का उपार्जन हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि किसानों के हित को देखते हुए सार्वजनिक प्रणाली की आवश्यकता के अतिरिक्त चावल को केन्द्रीय पूल में लेने की स्वीकृति प्रदान करें।

शत प्रतिशत नल कनेक्शन दे पाएं

राज्य के हर घर में नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल प्रदाय करने की योजना के संबंध में मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि इसके लिए केन्द्र सरकार को शतप्रतिशत अनुदान प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शत-प्रतिशत विद्युतीकरण को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास हुए हैं उसी प्रकार हर घर में पेयजल की व्यवस्था के लिए भी प्रयासों की जरूरत है।

वन अधिनियम में संसोधन की मांग

मुलाकात के दौरान वन अधिकारों की मान्यता का भी जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि भारतीय वन अधिनियम ए 1927 में प्रस्तावित संशोधनों में अनेक खामियां हैं जिससे वन क्षेत्रों में निवासरत आदिवासियों के हितों का संरक्षण नहीं किया गया है। उन्होंने इसमें संशोधन पर जोर दिया हैं । श्री बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा देश के लघु एवं सीमांत कृषकों को लाभांवित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना आरंभ की गई है। इस योजना के हितग्राहियों में अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 के तहत् वन अधिकार प्राप्त किसानों को शामिल नहीं किया गया है, उन्होंने इस योजना अंतर्गत उक्त वन अधिकार प्राप्त किसानों को सम्मिलित करते हुए रू. 12,000 प्रतिवर्ष सम्मान निधि देने की मांग की।

गरीब परिवारों के रसोई की चिन्ता

नीति आयोग की बैठक में उज्जवला योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत रिफिल कराये गये सिलेंडर की संख्या कम हैं। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के लिए एक मुश्त इतनी राशि देना संभव नहीं होने तथा दूरस्थ अंचलों में एल.पी.जी वितरकों की संख्या में अपेक्षित वृद्धि न होना कम रिफिल का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि गरीबी की रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को खाना पकाने हेतु ईधन के रूप में केरोसिन की आवश्यकता होती है। अत: राज्य हित में केरोसिन का कोटा 1.15 लाख किलो लीटर से बढ़ाकर 1.58 लाख किलो लीटर किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि राज्य में उज्जवला योजना के अंतर्गत जारी गैस कनेक्शन का वार्षिक रिफिल प्रतिशत औसतन 1.7 है, जो कि अत्यंत कम है इसलिए 5 किलो वाले गैस सिलेण्डर की आपूर्ति ऑयल कंपनियों द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में आपूर्ति की जानी चाहिए ताकि बीपीएल परिवार की क्रय क्षमता के अंतर्गत एलपीजी का उपयोग सुनिश्चित हो सके।

उत्पादित विद्युत के हिस्से की मांग

मुलाकात के दौरान उन्होंने आग्रह किया कि शासकीय उपक्रमो हेतु आबंटित खदानों में 100 रूपये प्रति टन के स्थान पर 500 रूपये प्रति टन प्रिमियम दिया जाये तथा छत्तीसगढ राज्य को उत्पादित विद्युत का हिस्सा भी दिया जाये।

वंचित और असहाय वर्ग को खाद्यान्न आबंटन की मान्यता हो

श्री बघेल ने राज्य की अनुसूचित जनजातिए अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ-साथ समाज के वंचित एवं निसहाय वर्ग की एक प्रमुख समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के वर्तमान में निर्देश के अनुसार राज्य सरकार द्वारा संचालित एवं केन्द्र अथवा राज्य सरकार के स्वामित्व वाले छात्रावास, कल्याणकारी संस्थाओं को छोड़कर सभी छात्रावास, कल्याणकारी संस्थाओं को इस योजना के अंतर्गत खाद्यान आबंटन हेतु मान्य नहीं किया गया है। जिसके कारण राज्य सरकार से अनुदान एवं मान्यता प्राप्त 471 संस्थाओं के 43.,640 अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ-साथ समाज के वंचित एवं नि:सहाय वर्ग के लोगों के लिए माह अप्रैल 2019 से रियायती दर पर 655 टन चावल का प्रदाय बंद हो गया है। उन्होंने वंचित संस्थाओं को भी खाद्यान का आबंटन हेतु मान्य किये जाने का आग्रह किया।

इन मुददों पर भी की चर्चा

ख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रधानमंत्री श्री मोदी से फसल बीमा योजना में सुधार लाने फूड सब्सिडी महात्मा गांधी नरेगा में आवटंन की समस्या, स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण, गोबर-धन योजना,प्रधानमंत्री आवास योजना, शहरी, स्टैंड.अप इंडिया योजना पर भी अपनी बात कही । बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी भी उपस्थित थे ।

The News India 24

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